Chhath Puja 2025: आज छठ पूजा का तीसरा दिन, अस्तगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य — जानें शुभ मुहूर्त और विधि
Monday, Oct 27, 2025-06:12 AM (IST)
Chhath Puja Third Day 2025: छठ पर्व का आज तीसरा दिन है, जिसे संध्या अर्घ्य (Sandhya Arghya) के रूप में जाना जाता है। आज श्रद्धालु अस्तगामी सूर्य (Setting Sun) को अर्घ्य देकर छठी मैया और सूर्यदेव का आशीर्वाद प्राप्त करेंगे। यह पर्व सूर्य उपासना, प्रकृति और मातृत्व की शक्ति को समर्पित है। मान्यता है कि छठी मैया (Chhathi Maiya) देवी कात्यायनी का अवतार हैं और सूर्यदेव की बहन मानी जाती हैं। इसलिए यह व्रत सूर्य-षष्ठी (Surya Shashthi) के नाम से भी प्रसिद्ध है।
छठ पूजा के तीसरे दिन का महत्व (Significance of Third Day of Chhath Puja)
छठ पूजा के तीसरे दिन भक्तजन डूबते हुए सूर्य को जल अर्पित करते हैं। यह एकमात्र पर्व है जिसमें Setting Sun को Arghya दिया जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शाम के समय सूर्यदेव अपनी पत्नी प्रत्युषा के साथ होते हैं, इसलिए इस समय अर्घ्य देना अत्यंत शुभ माना जाता है। भक्त सूर्यदेव को धन्यवाद देते हैं दिनभर की ऊर्जा, रोशनी और जीवन प्रदान करने के लिए। इस दौरान माताएं अपने बच्चों की लंबी उम्र, परिवार की समृद्धि और सुख-शांति की कामना करती हैं।
अर्घ्य देने से पहले करें सूर्य कवच का पाठ (Surya Kavach Path Before Arghya)
संध्या अर्घ्य से पहले Surya Kavach Paath करना अत्यंत लाभकारी माना गया है। मान्यता है कि सूर्य कवच का पाठ करने से Health, Career, Wealth और Will Power में सुधार होता है। यह आंख, त्वचा, हृदय और हड्डियों से जुड़ी बीमारियों से भी रक्षा करता है। छठ पूजा के दौरान हर दिन इसका पाठ शुभ फल देता है।
तीन शुभ योगों में दिया जाएगा संध्या अर्घ्य (Three Auspicious Yogas for Evening Arghya)
इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य बेहद खास है क्योंकि यह Ravi Yoga, Hansa Rajyoga और Ruchak Rajyoga जैसे तीन शुभ योगों में संपन्न होगा।
- रवि योग (Ravi Yoga): सूर्यदेव को समर्पित योग, जो मनोकामनाओं की पूर्ति करता है।
- हंस योग (Hansa Yoga): गुरु और चंद्रमा के संयोग से बना शुभ योग।
- रूचक योग (Ruchak Yoga): मंगल के वृश्चिक राशि में गोचर से निर्मित, जो ऊर्जा और सफलता का प्रतीक है।
- संध्या अर्घ्य का समय: शाम 5 बजकर 40 मिनट
अस्तगामी सूर्य को अर्घ्य देने की विधि (Method of Offering Arghya to Setting Sun)
- अर्घ्य हमेशा पश्चिम दिशा की ओर मुख करके दिया जाता है क्योंकि सूर्य अस्त हो रहा होता है।
- तांबे के लोटे में जल भरें और उसमें दूध, गुड़, फूल, रोली और अक्षत मिलाएं।
- दोनों हाथों से लोटा उठाकर सूर्य की ओर जल प्रवाहित करें।
- जल धीरे-धीरे गिराना चाहिए ताकि सूर्य की किरणें जल के बीच से प्रतिबिंबित हों — यही कहलाता है “सूर्य दर्शन” (Surya Darshan)।
- मंत्र का जप करें – “ॐ आदित्याय नमः” या “ॐ भास्कराय नमः”।
- अंत में हाथ जोड़कर कहें — “जय छठी मैया, जय सूर्य भगवान” और संतान-सुख, आरोग्य तथा समृद्धि की कामना करें।
रवि योग में संध्या अर्घ्य का विशेष महत्व (Special Significance of Ravi Yoga Arghya)
इस साल छठ पूजा का संध्या अर्घ्य रवि योग (Ravi Yoga) में होगा, जो सूर्यदेव को समर्पित है। ज्योतिष के अनुसार यह योग व्यक्ति की सफलता, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए अत्यंत शुभ होता है। ऐसा माना जाता है कि इस योग में सूर्य को अर्घ्य देने से हर प्रकार की बाधा दूर होती है और परिवार में खुशहाली आती है।

