‘‘नमामि गंगे'''' कार्यक्रम के तहत धन का उपयोग नहीं करने पर CAG ने की बिहार सरकार की आलोचना
4/4/2022 2:34:56 PM
पटनाः नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) ने केंद्र सरकार के ‘‘नमामि गंगे'' कार्यक्रम के तहत पटना में गंदे जल की निकासी के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए स्वीकृत राशि के एक बड़े हिस्से का इस्तेमाल नहीं करने पर बिहार सरकार की आलोचना की है। कैग रिपोर्ट को हाल ही में विधानमंडल में पेश किया गया था।
रिपोर्ट के अनुसार, चार वित्त वर्ष में इस योजना के तहत लगभग 684 करोड़ रुपए को बिहार राज्य गंगा नदी संरक्षण और कार्यक्रम प्रबंधन सोसायटी (बीजीसीएमएस) द्वारा इस्तेमाल किया जाना था, जो नहीं किया गया। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘लेखा परीक्षा में पाया गया कि 2016-17 से 2019-20 की अवधि के दौरान प्रत्येक वर्ष केवल 16 से 50 प्रतिशत धन का उपयोग किया जा रहा था। राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) ने पिछली किश्तों के उपयोग को सुनिश्चित किए बिना अगली किश्तों के लिए धन जारी किया और नतीजतन बीजीसीएमएस के बैंक खाते में 683.10 रुपए जमा हो गए।
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि पटना की जल निकासी व्यवस्था, पूर्वी भारत में कोलकाता के बाद दूसरे सबसे बड़े शहरी इलाके में करीब 200 साल पुरानी है और वर्तमान में यह खराब स्थिति में है। रिपोर्ट में कहा गया है कि परियोजना क्रियान्वयन एजेंसी, बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड भी कार्यों को पूरा करने के लिए निर्धारित समय सीमा का पालन करने में विफल रही है।
कैग की रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए गंगा समग्र के संयोजक (दक्षिण बिहार) शंभूनाथ पांडेय ने कहा, ‘‘गंगा नदी अपनी कई सहायक नदियों के साथ भारतीय सभ्यता का भौतिक और आध्यात्मिक पोषण का स्रोत रही है। इसकी राष्ट्रीय चिंता होनी चाहिए और मामले को गंभीरता से लिया जाना चाहिए।'' गंगा समग्र एक संगठन है जो गंगा की सफाई के महत्व के बारे में जनता के बीच जागरूकता पैदा करता है। बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक धर्मेंद्र सिंह ने कहा, ‘‘मुझे अभी तक कैग की रिपोर्ट नहीं मिली है। लेकिन हम निर्माण और सुदृढ़ीकरण के कार्यों को बहुत जल्द पूरा कर लेंगे।''