Aircraft Issue: विमान खरीदने को लेकर सुशील मोदी का कटाक्ष- सरकार का यह फैसला गरीबी में आटा गीला करने वाली बात

12/31/2022 2:28:51 PM

पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने प्रदेश सरकार के एक विमान और एक हेलीकॉप्टर खरीदने के निर्णय पर एक बार फिर कटाक्ष किया है। उन्होंने कहा कि जिस राज्य के पास शिक्षकों को समय पर वेतन देने के लिए पैसे नहीं उसका अपने मुख्यमंत्री के सपने पूरे करने के लिए 300 करोड़ रुपए का जेट विमान खरीदने का फैसला गरीबी में आटा गीला करने वाली बात है।

"गरीबी में आटा गीला करने वाली बात है फैसला"
सुशील मोदी ने शुक्रवार को बयान जारी कर कहा कि जिस राज्य के पास शिक्षकों को समय पर वेतन देने के लिए पैसे नहीं, जो राज्य शराबबंदी के कारण हर साल 6000 करोड़ रुपए की राजस्व क्षति झेल रहा हो और जिसे माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की भरपाई बंद होने से सालाना 4000 करोड़ रुपए की बड़ी राशि से वंचित रहना पड़ता हो, वह राज्य अपने मुख्यमंत्री के सपने पूरा करने के लिए 300 करोड़ का जेट विमान खरीदना चाहता है। यह फैसला गरीबी में आटा गीला करने वाली बात है। 

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"PM से बराबरी करना मेढ़क के नाल ठोकवाने की हसरत जैसा"
भाजपा सांसद ने कहा कि एक गरीब राज्य के मुख्यमंत्री का देश के प्रधानमंत्री से बराबरी करना बेंग (मेढ़क) के नाल ठोकवाने की हसरत जैसा है। उन्होंने कहा कि गुजरात और तमिलनाडु जैसे विकसित राज्यों के विमान खरीदने का उदाहरण देने से पहले बिहार के उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव को इन राज्यों की प्रति व्यक्ति आय और विकास के अन्य मानकों पर भी बिहार की तुलना करनी चाहिए। मोदी ने कहा कि बिहार सरकार अपने सारे आर्थिक दबाव को दरकिनार करते हुए मुख्यमंत्री के लिए ऐसा जेट विमान क्यों खरीदना चाहती है, जो राज्य के भीतर केवल चार हवाई अड्डे पर उतर सकता है।

पूर्व उप मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की विदेश यात्राओं में सुरक्षा-प्रबंध और देश की प्रतिष्ठा के साथ-साथ उनके साथ जाने वाले अधिकारियों की बड़ी टीम का ध्यान रखते हुए बड़े विमान की जरूरत समझी जाती है जबकि मुख्यमंत्री के लिए ऐसा कोई दबाव नहीं होता। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार जब राज्य से बाहर प्राय: जाते ही नहीं और अपरिहार्य होने पर वे किसी अन्य मंत्री को भेजते हैं तब 300 करोड़ रुपए का जेट विमान क्या भतीजे को चाचा का गिफ्ट माना जाए।

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Ramanjot