सम्राट अशोक पर टिप्पणी कर मुश्किलों में घिरे लेखक दया प्रकाश सिन्हा, BJP ने दर्ज कराई FIR

1/14/2022 5:05:44 PM

पटनाः भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने सम्राट अशोक के संदर्भ में गलत टिप्पणी करने और स्वयं को भाजपा के सांस्कृतिक प्रकोष्ठ का संयोजक बताने वाले लेखक दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ पटना शहर के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई है।

जायसवाल ने गुरुवार को कहा कि सिन्हा ने एक हिन्दी समाचार पोर्टल पर सम्राट अशोक के बारे में गलत एवं बेबुनियादी टिप्पणी की है जिससे बिहार ही नहीं बल्कि देश भर के लोग आहत हैं। पुलिस को दी गई तहरीर में कहा गया है कि सिन्हा का भाजपा से कोई संबंध नहीं है और वह गलत बयानी कर पार्टी की छवि खराब करने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से ऐसी गलत टिप्पणी करने वाले के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। प्रदेश अध्यक्ष के निर्देश पर पटना शहर के कोतवाली थाना में पार्टी के प्रदेश मुख्यालय प्रभारी सुरेश रूंगटा, अधिवक्ता एस. डी. संजय, राकेश कुमार ठाकुर और अंजनी कुमार सिंह ने उक्त प्राथमिकी दर्ज कराई है। साम्राट अशोक मौर्य वंश के संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य के पौत्र हैं।

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सम्राट अशोक पर जिस लेखक (दया प्रकाश सिन्हा) ने आपत्तिजनक टिप्पणी की, उनका आज न भाजपा से कोई संबंध है और न उनके बयान को बेवजह तूल देने की जरूरत है। भाजपा का राष्ट्रीय स्तर पर कोई सांस्कृतिक प्रकोष्ठ नहीं है। हम अहिंसा और बौद्ध धर्म के प्रवर्तक सम्राट अशोक की कोई भी तुलना औरंगजेब जैसे क्रूर शासक से करने की कड़ी निंदा करते हैं।
- Sushil Kumar Modi (@sushilmodi) 12 Jan 2022

इस संबंध में बिहार में सत्ताधारी राजग में शामिल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने गुरुवार को ट्वीट किया, ‘‘कुछ लोग सम्राट अशोक का अपमान सिर्फ इसलिए कर रहे हैं क्योंकि वह पिछड़ी जाति के थे। ऐसे सामंती लोग नहीं चाहते हैं कि कोई दलित, आदिवासी, या पिछड़े वर्ग का बच्चा सत्ता के शीर्ष पर बैठे।'' उन्होंने आगे कहा, ‘‘माननीय राष्ट्रपति से आग्रह है कि हमारे शौर्य के प्रतिक सम्राट अशोक पर टिप्पणी करने वालों का पद्म सम्मान वापस लें।'' भाजपा नेता संजय जायसवाल द्वारा सम्राट अशोक के संदर्भ में लेखक दया प्रकाश सिन्हा के खिलाफ दर्ज कराई गई उक्त प्राथमिकी को बिहार से सटे चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश में हाल के दिनों में ओबीसी समुदाय से आने वाले तीन मंत्रियों के पार्टी छोड़ देने पर भाजपा द्वारा ‘‘डैमेज कंट्रोल'' करने की एक कोशिश के रूप में देखा जा रहा है।

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Ramanjot