Bihar Rain Alert: बिहार में बारिश बनी मुसीबत, बाढ़ का खतरा गहराया, मौसम विभाग का रेड अलर्ट जारी
Friday, Jul 04, 2025-09:13 AM (IST)

Bihar Weather Today: बिहार में मानसून अब पूरी तरह सक्रिय हो गया है। राज्य के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश ने मौसम को सुहावना तो बना दिया है, लेकिन साथ ही वज्रपात, जलजमाव और बाढ़ की चिंता भी बढ़ा दी है। मौसम विभाग ने आज शुक्रवार को कई इलाकों में भारी बारिश, तेज हवाओं और ठनका को लेकर चेतावनी जारी की है।
बारिश से गिरा तापमान, कटोरिया में सबसे अधिक वर्षा
गुरुवार को दक्षिण-पूर्व, उत्तर और दक्षिण-मध्य बिहार के विभिन्न क्षेत्रों में हल्की से मध्यम बारिश दर्ज की गई। बांका के कटोरिया में सबसे अधिक 41.2 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई। इसके अलावा पटना, भागलपुर, खगड़िया और मुजफ्फरपुर के कुछ इलाकों में 20 से 30 मिमी के बीच बारिश हुई।
तापमान की बात करें तो गोपालगंज का अधिकतम तापमान 38 डिग्री सेल्सियस रहा, जबकि समस्तीपुर के पूसा में न्यूनतम तापमान 25.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
आज कैसा रहेगा मौसम
राज्य के लगभग सभी जिलों में आज बारिश, आंधी और ठनका की संभावना जताई गई है। हवाओं की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रतिघंटे तक पहुंच सकती है। कैमूर, रोहतास और औरंगाबाद में भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। राजधानी पटना में आज येलो अलर्ट जारी है और एक-दो बार बौछारें देखने को मिल सकती हैं।
अगले 48 घंटे रहें अलर्ट, इन जिलों में ज्यादा खतरा
शुक्रवार को कैमूर, रोहतास और औरंगाबाद में तेज बारिश, वज्रपात और जलजमाव की आशंका है। बाढ़ की स्थिति भी इन क्षेत्रों में बन सकती है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे जलजमाव और खुले इलाकों से दूर रहें।
शनिवार को जमुई, नवादा और गया जिलों में गरज-चमक के साथ भारी वर्षा की संभावना है। रविवार को भी दक्षिण बिहार के कुछ हिस्सों में बारिश और तेज हवाएं चलने की आशंका है।
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, मानसून की ट्रफ रेखा इस समय बीकानेर, शिवपुरी, खजुराहो, डाल्टनगंज और दीघा होते हुए बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इसके अलावा उत्तर ओडिशा और गंगा-पश्चिम बंगाल के क्षेत्र में एक चक्रवाती परिसंचरण सक्रिय है। इन वजहों से नमी युक्त हवाएं बिहार की ओर बढ़ रही हैं, जिससे वर्षा की गतिविधियां और तेज हो गई हैं।
किसानों के लिए विशेष सलाह
कृषि कार्य कर रहे किसानों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की अद्यतन जानकारी पर लगातार नजर रखें और खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करें, ताकि फसलें अधिक पानी से खराब न हों।