राजस्व महा-अभियान: सर्वेक्षण कर्मियों की हड़ताल के बीच सरकार का बड़ा फैसला, CSC को मिली जिम्मेदारी

Tuesday, Aug 26, 2025-07:19 PM (IST)

पटना:राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने भूमि संबंधी मामलों में आम रैयतों को त्वरित राहत दिलाने और संविदा सर्वेक्षण कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने के बाद राजस्व महा-अभियान को गति देने के लिए बड़ा निर्णय लिया है। विभाग संविदा सर्वेक्षण कर्मियों के हड़ताल पर जाने के बाद एक वैकल्पिक व्यवस्था के लिये विचार कर रहा था। विभाग के प्रस्ताव पर मंत्रिपरिषद ने आज मुहर लगा दी।

राज्य मंत्रिपरिषद ने मंगलवार को सीएससी, ई-गवर्नेंस सर्विस इंडिया लिमिटेड, नई दिल्ली को गैर-परामर्शी सेवाओं के तहत नामित करने की मंजूरी दे दी है। अब महा–अभियान के तहत आयोजित शिविरों में सीएससी के प्रशिक्षित कर्मी मौजूद रहेंगे और नागरिकों के आवेदन की तत्काल इंट्री सुनिश्चित करेंगे। 

•सर्वे अमीनों की हड़ताल के बीच सरकार का फैसला

राज्य में 16 अगस्त से 20 सितंबर तक चलने वाले राजस्व महा-अभियान का मुख्य उद्देश्य डिजिटाइज्ड जमाबंदी की त्रुटियों को सुधारना, छूटी हुई जमाबंदियों को ऑनलाइन करना, उत्तराधिकार नामांतरण और बंटवारा नामांतरण करना है। लेकिन विशेष सर्वेक्षण अमीनों के अचानक हड़ताल पर चले जाने से कर्मियों की कमी हो गई थी। ऐसे में विभाग द्वारा सीएससी की सेवाएं लेने का निर्णय लिया गया है। इस हेतु आज विभाग द्वारा कैबिनेट में , वित्त विभागीय संकल्प संख्या-12888, दिनांक-03.12.2024 के आलोक में राजस्व महा अभियान के सुगम क्रियान्वयन हेतु गैर-परामर्शी सेवाओं की अधिप्राप्ति के लिये CSC के कर्मियों की सेवा लिये जाने का प्रस्ताव पेश किया गया, जिसपर राज्य मंत्रीपरिषद की बैठक दिनांक-26.08.2025 के मद संख्या-25 के रूप में स्वीकृति प्रदान की गई। राज्य के कुल 38 जिलों के 8481 हलका में सीएससी के माध्यम से कुल 11,549 कर्मियों की सेवा ली जायेगी। इनमें कुल 10936 कंप्यूटर ऑपरेटर, अंचल और जिला स्तर पर क्रमशः कुल 537 तथा 76 पर्यवेक्षक होंगे। साथ ही विभाग द्वारा हड़ताल पर गये विशेष सर्वेक्षण कर्मियों का क्रमिक निलंबन शुरू कर दिया गया है।

सीएससी पहले से ही राज्य में जमाबंदी देखने, लगान भुगतान, दाखिल-खारिज, परिमार्जन प्लस और भू-मापी जैसी ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध कराती रही है। अब इसके हजारों वीएलई (Village Level Entrepreneur) शिविरों में भी सक्रिय रहेंगे। सरकार का मानना है कि इससे पंचायतवार आयोजित राजस्व महा अभियान शिविर में रैयतों को आसानी होगी और कर्मियों की कमी होने वाली भीड़ से बचेंगे।

•प्रशासनिक मंजूरी और राजपत्र में प्रकाशन

इस प्रस्ताव को विभागीय स्थायी वित्त समिति और विभागीय मंत्री की स्वीकृति मिलने के बाद 26 अगस्त को मंत्रिपरिषद की बैठक (मद संख्या–25) में मंजूरी दी गई। अब यह संकल्प तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है।

राज्य में अबतक कुल जमाबंदी पंजियों में से 42 फीसदी का वितरण किया जा चुका है। CSC के माध्यम से 11,549 कर्मियों की नियुक्ति के पश्चात राजस्व महा-अभियान में और तेजी आयेगी।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Ramanjot

Related News

static