बाढ़ और बारिश में पशुपालकों के लिए अलर्ट: डूबी हुई घास व भीगा भूसा न खिलाएं पशुओं को – विभाग की बड़ी सलाह
Thursday, Aug 28, 2025-07:29 PM (IST)

पटना:बरसात के मौसम और बाढ़ के समय जान-माल को नुकसान होने की संभवना अधिक रहती है। पशुपालन से जुड़े किसानों को इससे होने वाले नुकसान से बचाने के लिए पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग ने सलाह जारी की है। इसमें विभाग ने कहा है कि पशुओं को बाढ़ में डूबी घास एवं पहले का भीगा हुआ भूसा खाने में न दें।
विभाग ने जारी सलाह में कहा है कि बाढ़ आने की स्थिति में पशु को रखने की व्यवस्था ऊंचे स्थान पर करना चाहिए, जहां जल निकास की उचित व्यवस्था हो ताकि पशु परिसर साफ एवं सूखा रहे तथा गर्मी एवं नमी जनित रोगों से पशुओं को बचाया जा सकें। पशुशाला को साफ एवं स्वच्छ रखने के लिये समय-समय पर कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए। पशु गृह को अत्यधिक नमी से बचाने के लिए पशुशाला में चूने का छिड़काव करना चाहिए।
साथ ही, पशुओं को संतुलित आहार तथा साफ एवं ताजा पानी उपलब्ध कराना चाहिए। अंतःपरजीवी एवं बाह्य परजीवी का प्रकोप इस समय काफी होता है। इनसे बचाव के लिए सभी पशुओं में कृमिनाशक दवा का उपयोग अवश्य करना चाहिए। बाढ़ के समय मृत पशुओं से कई प्रकार की बीमारियां फैलने की संभावना अधिक होती है, इसलिए मृत पशुओं का निस्तारण सावधानीपूर्वक करें। बीमार एवं घायल पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना चाहिए एवं उपचार हेतु पशु चिकित्सक से सम्पर्क स्थापित करना चाहिए।
बारिश में रखें इन बातों का ध्यान
विभाग ने बारिश के दौरान पशुओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने के लिए कहा है। सलाह दी गई है कि बरसात में पशुशाला की खिड़कियां खुली रखें तथा गर्मी एवं उमस से बचने के लिये पंखों का उपयोग करें। पशुशाला में पशुओं के मल-मूत्र की निकासी का भी उचित प्रबंधन करें। बारिश के दौरान पशुओं को बाहर न निकालें। पानी को एक जगह पर एकत्रित नहीं होने दें, जिससे मच्छड़ का प्रकोप न हो एवं परजीवी संक्रमण को रोका जा सके। पशुपालक किसान विभाग द्वारा जारी सलाह को मानकर पशु संसाधनों की होने वाली क्षति से बच सकते हैं।