नीतीश कैबिनेट में बिहार IT नीति 2024 को मिली मंजूरी, कंपनियों को निवेश पर दी जाएगी 30 करोड़ तक की सहायता
Tuesday, Jan 09, 2024-04:38 PM (IST)
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में बिहार आईटी नीति 2024 को मंजूरी दे दी गई है, जिसका उद्देश्य राज्य में सूचना प्रौद्योगिकी और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण ईएसडीएम क्षेत्र में निवेश आकर्षित करना है।
तेजस्वी ने हमेशा युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने पर बल दिया- आईटी नेता
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रोग्रेसिव विज़न के परिणामस्वरूप ये निवेशक-अनुकूल नीति बनाई गई है। जिसका उद्देश्य बिहार को नवाचार, प्रौद्योगिकी और आर्थिक विकास के लिए भारत में एक केंद्र के रूप में स्थापित करना है। आईटी नीति आने के बाद आईटी मिनिस्टर इसराइल मंसूरी ने प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव ने हमेशा युवाओं के लिए रोजगार पैदा करने पर बल दिया है, जो आईटी नीति 2024 के मुख्य मार्गदर्शक सिद्धांतों में से एक है। आईटी मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी ने नीति के बारे में उत्साह व्यक्त करते हुए कहा,"बिहार आईटी नीति 2024 आईटी प्रक्षेत्र के विकास के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का एक प्रमाण है।
"बिहार में प्रचुर मात्रा में दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता"
आईटी मंत्री मोहम्मद इसराइल मंसूरी ने कहा कि हमारा मानना है कि बिहार में प्रचुर मात्रा में दक्ष मानव संसाधन की उपलब्धता है और साथ में इन प्रोत्साहनों को प्रदान करके, हम शीर्ष-स्तरीय आईटी कंपनियों को आकर्षित कर सकते हैं, जिससे बिहार देश के आईटी परिदृश्य में एक पसंदीदा गंतव्य के रूप में स्थापित हो सकता है। "राज्य सरकार आईटी कंपनियों और निवेशकों को नई नीति द्वारा राज्य में नए अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित करती है और बिहार में उनका स्वागत करने के लिए आकांक्षी है। वही विभाग के सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि आईटी पॉलिसी 2024 में निवेशकों को पूंजी निवेश सब्सिडी के अंतर्गत 5 करोड़ रुपए के न्यूनतम फिक्सड कैपिटल इनवेस्टमेंट पर 30 प्रतिशत एकमुश्त कैपेक्स सपोर्ट मिलेगा, जिसकी अधिकतम सीमा 30 करोड़ रूपये होगी अथवा ब्याज अनुदान के तहत बैंक / वित्तीय संस्थान द्वारा स्वीकृत परियोजना पर वार्षिक ब्याज दर में 10% तक की छूट 5 वर्षों तक मिलेगी, जिसकी अधिकतम सीमा कुल परियोजना लागत का 50 प्रतिशत या 40 करोड़ रुपये, जो भी कम होगी।
अभय कुमार सिंह ने बताया कि आईटी पॉलिसी 2024 में लीज रेंटल सब्सिडी के तहत लीज पर लिए गए कार्यालय अथवा व्यावसायिक स्थल से संचालित होने वाली आईटी / आईटीईएस/ईएसडीएम इकाइयों को वार्षिक लीज किराए की राशि का 50 प्रतिशत 5 वर्षों तक भुगतान की जाएगी। आईटी/आईटीईएस/ईएसडीएम इकाइयों को वार्षिक विद्युत विपत्र के 25% राशि की प्रतिपूर्ति 5 वर्षों तक की जाएगी। रोजगार सृजन सब्सिडी के तहत नियोक्ता के द्वारा ईपीएफ एवं ईएसआई में जमा की गई राशि की 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति 5 वर्षों तक की जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा 5000 रु० प्रति कर्मचारी प्रति माह होगी। इसके अलावा वैसी मेगा इकाईयां जिसमें 100 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश हो, अथवा राज्य में कम से कम 1000 प्रत्यक्ष आईटी रोजगार का सृजन कर रही हो, उनके लिए टेलर मेड पैकेज बनाए जाएंगे। यह नीति मुख्य आईटी क्षेत्र के अलावा विभिन्न उभरते प्रक्षेत्रों जैसे डेटा सेंटर, एनिमेशन, आईटी प्लेटफॉर्म एग्रीगेटर्स, बिग डेटा एवं एनेलिटिक्स, स्मार्ट टेक्नोलॉजिस, ड्रोन मैन्युफैक्चरिंग इत्यादि को विशेष प्रोत्साहन देने के लिए बनाई गई है।