Bihar Logistics Policy:बिहार बन रहा लॉजिस्टिक हब का अगला ठिकाना, राज्य में दिया जा रहा वित्तीय प्रोत्साहन
Tuesday, Aug 12, 2025-07:49 PM (IST)

पटना:राज्य में लॉजिस्टिक्स सेक्टर के विकास और निवेश को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उद्योग विभाग, बिहार सरकार की ओर से ‘बिहार लॉजिस्टिक्स नीति 2023’ लागू है। इस नीति के तहत निवेशकों और उद्यमियों के लिए कई महत्वपूर्ण लाभ प्रदान किए जा रहे हैं, जिससे राज्य को देश का प्रमुख लॉजिस्टिक हब बनाने की दिशा में मजबूती मिल रही है।
लॉजिस्टिक इकाई के लिए वित्तीय प्रोत्साहन
बिहार लॉजिस्टिक्स नीति 2023 के अनुसार, राज्य में अचल पूंजी निवेश करने वाले निवेशकों को पूंजीगत निवेश अनुदान के रूप में विशेष सुविधा दी जाएगी। इसमें अचल पूंजी निवेश का 20 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जाएगा, जिसकी अधिकतम सीमा 25 करोड़ रुपये तय की गई है। इसके साथ ही इनलैण्ड कन्टेनर डिपो के लिए अधिकतम 10 करोड़ रुपये, वेयर हाउस के लिए अधिकतम 6 करोड़, कोल्ड वेन व्यवस्था के लिए अधिकतम 4 करोड़ रुपये और कंटेनर फ्रेट स्टेशन के लिए अधिकतम 3 करोड़ रुपये का प्रावधान है।
नीति के तहत अनुमान्य लाभ
इसके साथ ही, नीति में ब्याज प्रतिपूर्ति का भी प्रावधान है। इसमें निवेशकों को 10 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की प्रतिपूर्ति दी जाएगी। यह सुविधा अचल पूंजी निवेश की अधिकतम 50 प्रतिशत राशि तक उपलब्ध होगी और प्रतिपूर्ति की अधिकतम सीमा 30 करोड़ रुपये तय की गई है।
पूर्व की नीतियों के लाभ भी लागू
बिहार लॉजिस्टिक्स नीति 2023 के अंतर्गत, राज्य में निवेश करने वाले उद्यमियों को बिहार औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति, 2016 के तहत अनुमान्य सभी सुविधाएं भी प्राप्त होंगी। इसका अर्थ है कि निवेशकों को न केवल नई नीति के लाभ मिलेंगे, बल्कि 2016 की औद्योगिक निवेश प्रोत्साहन नीति के तहत उपलब्ध कराई जा रही सभी सुविधाओं का भी लाभ उठाने का अवसर मिलेगा। इसके साथ ही मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक पार्क के लिए प्रोत्साहन भी मिलेगा।
विशेष वर्ग के लिए स्पेशल प्रोत्साहन
अनुसूचित जाति/ अनुसूचित जनजाति/अति पिछड़ा वर्ग/आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग/महिला/दिव्यांग / वार विडो / एसिड अटैक विक्टिम तथा थर्ड जेन्डर के लिए ब्याज प्रतिपूर्ति की दर 11.5 प्रतिशत तक लागू है। पूंजीगत अनुदान एवं ब्याज प्रतिपूर्ति अनुदान की सीमा सामान्य से 15 प्रतिशत अधिक तक का अनुदान दिया जाएगा।