बिहार बनेगा हेल्थ हब: 15 मेडिकल कॉलेज, 2 AIIMS और हजारों डॉक्टरों की बहाली से क्रांति
Friday, Jul 04, 2025-06:39 PM (IST)

पटना:एक समय था, जब बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था को निष्क्रिय, जर्जर और उपेक्षित माना जाता था। सीमित संसाधनों और डॉक्टरों के कारण इलाज के लिए राज्य से बाहर जाना आम बात थी। लेकिन 2005 के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में जो स्वास्थ्य क्रांति बदलाव शुरू हुए, वह अब एक नई ऊंचाई पर पहुंच चुकी है। अब बिहार केवल बिहार की जनता को ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों को भी बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए तैयार हो रहा है। बिहार में वर्ल्ड क्लास सुविधाओं की तैयारी चल रही है।
मेडिकल कॉलेजों का तेजी से विस्तार
स्वास्थ्या विभाग के आंकड़ों की माने तो 2005 तक केवल 6 सरकारी मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे। लेकिन मौजूदा समय में सरकार के प्रयास से लगभग 20 सालों में 11 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं। चार अन्य मेडिकल कॉलेज पर काम हो रहा है। बहुत जल्द ही बिहार में मेडिकल कॉलेज की संख्या 15 हो जाएगी। बताते चलें, बिहार सरकार का लक्ष्य लगभग हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने का रखा गया है। राज्य सरकार ने 9 जिलों में मेडिकल कॉलेज निर्माण की योजना तैयार की है।
पुराने अस्पताल बन रहे सुपर-स्पेशियलिटी
कॉलेज/अस्पताल | प्रस्तावित बेड क्षमता |
पटना मेडिकल कॉलेज (PMCH) | 5462 बेड (एशिया का दूसरा सबसे बड़ा अस्पताल) |
नालंदा मेडिकल कॉलेज, पटना | 2500 बेड |
दरभंगा मेडिकल कॉलेज | 2500 बेड |
श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज, मुजफ्फरपुर | 2500 बेड |
जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज, भागलपुर | 2500 बेड |
अनुग्रह नारायण मेडिकल कॉलेज, गया | 2500 बेड |
डॉक्टरों की बंपर बहाली
बिहार में बड़ी संख्या में डॉक्टरों की पोस्टिंग की गई है, जिससे प्राथमिक से लेकर उच्चस्तरीय चिकित्सा सेवाएं सुगम हुई हैं। ग्रामीण इलाकों में भी विशेषज्ञ सेवा उपलब्ध हो सकेगी। बिहार सरकार की ओर से इसी साल 1431 डॉक्टर्स की बहली की गई गई। 31 मई को 228 डाॅक्टर्स नियुक्त किए गए। वहीं, 10 जून को ही 694 पीजी डिग्रीधारी वरीय चिकित्सक बहाल किए गए। इनमें से पीजी डिग्रीधारी चिकित्सकों की बॉन्ड पोस्टिंग की गई। बहाली के दौरान 7468 नर्स की नियुक्ति की जा चुकी है। ये मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य विभाग की स्थिति सुधारने में मील का पत्थर साबित होंगे।
इन पदों पर भी आनी है बहाली
बताते चलें कि बिहार तकनीकी सेवा आयोग में 4200 पदों पर नियुक्ति होनी है। जिसकी प्रक्रिया चल रही है। इसके अलावा दंत चिकित्सकों की बहाली की तैयारी जारी है। वहीं, मेडिकल कॉलेज में 1800 असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति की प्रक्रिया भी पाइप लाइन में है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 में 6200 डॉक्टर्स की नियुक्ति की गई थी।
बिहार में होंगे दो-दो एम्स
राजधानी में AIIMS बनने से स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहतर हुई है। यह अस्पताल 2003 में स्वीकृत किया गया था। जो अब पूरी तरह विकसित और क्रियाशील है। इसके अलावा एम्स दरभंगा का भी निर्माण कार्य शुरू हो गया है। 2015 में सरकार की ओर से इसके निर्माण को मंजूरी मिली थी। इसके लिए 150 एकड़ भूमि चिन्हित
की जा चुकी है और निर्माण पूरा होते ही बिहार देश का दूसरा राज्य बन जाएगा जहां दो एम्स होंगे।
आत्मनिर्भर बिहार से स्वास्थ्य सेवा निर्यातक बिहार
बिहार की यह सफलता महज आंकड़ों तक सीमित नहीं है। पटना में पीएमसीएच के नवीनीकरण के बाद ये वर्ल्ड क्लास फैसिलिटी वाला अस्पताल बन जाएगा। इसके बाद बिहार न केवल स्थानीय मरीजों का इलाज करेगा, बल्कि झारखंड, उत्तर प्रदेश, बंगाल जैसे पड़ोसी राज्यों से भी मरीज यहां आकर इलाज करवा सकेंगे। 2005 के बाद बिहार ने जिस प्रकार से स्वास्थ्य के क्षेत्र में नींव रखी, आज वही नींव एक सशक्त इमारत का रूप ले चुकी है। अब बिहार न केवल खुद को स्वस्थ कर रहा है, बल्कि दूसरों को भी जीवनदान देने को तैयार हो रहा है।