अब बिहार में अनाज भंडारण करने में किसानों को नहीं होगी परेशानी, 12 जिलों में नए कोल्ड स्टोरेज बनाएगी सरकार
Thursday, Aug 01, 2024-12:03 PM (IST)
पटना(अभिषेक कुमार सिंह): बिहार के कृषि मंत्री मंगल पांडेय द्वारा पटना अवस्थित सभागार में 'शीतगृह मालिकों के साथ परिचर्चा कार्यक्रम का उद्घाटन किया गया। सचिव, कृषि विभाग, बिहार संजय कुमार अग्रवाल द्वारा इस एक दिवसीय कार्यक्रम की अध्यक्षता की गई। वहीं इस बैठक में बिहार के 12 जिलों में नए कोल्ड स्टोरेज निर्माण करवाने की योजना पर भी मुहर लगा दी गई है।
"बड़े पैमाने पर शीतगृह एवं कोल्ड चेन की आवश्यकता"
कृषि मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि बिहार राज्य में फल का औसतन 5059 हजार मीट्रिक टन उत्पादन सालाना होता है, जो भारतवर्ष में फलोत्पादन में आठवां स्थान है। इसी प्रकार बिहार राज्य में सब्जी का औसतन 18021 हजार मीट्रिक टन उत्पादन सालाना होता है, जो भारतवर्ष में चौथा स्थान एवं आलू का उत्पादन लगभग 9075 हजार मीट्रिक टन सालाना होता है, जो भारतवर्ष में तीसरा स्थान है। इतनी अधिक मात्रा में फल, सब्जी एवं आलू के उत्पादन के पश्चात् इन्हें संरक्षित रखने के लिए बड़े पैमाने पर शीतगृह एवं कोल्ड चेन की आवश्यकता है।
12 जिलों में नए कोल्ड स्टोरेज बनाने को दी मंजूरी
मंगल पांडेय ने कहा कि बिहार राज्य में अब तक कुल 202 शीतगृह कार्यरत हैं, जिसकी कुल भण्डारण क्षमता लगभग 12,30,176 मीट्रिक टन है। बिहार राज्य में 12 जिले ऐसे हैं, जहां कोल्ड स्टोरेज की सुविधा किसानों को प्राप्त नहीं है। इसे दृष्टिगत रखते हुए राज्य के 12 जिलों-मधुबनी, नवादा, औरंगाबाद, बांका, सहरसा, जमुई, मुंगेर, जहानाबाद, लखीसराय, शेखपुरा, अरवल तथा शिवहर में नए कोल्ड स्टोरेज निर्माण करवाने हेतु राज्य सरकार द्वारा तीन वर्षों के लिए योजना स्वीकृत है। इस योजनान्तर्गत नए कोल्ड स्टोरेज टाइप-1 एवं टाइप-2 की स्थापना पर 50 प्रतिशत सहायता अनुदान का प्रावधान है।
कोल्ड स्टोरों में सौर ऊर्जा की संस्थापना की योजना भी स्वीकृत
मंत्री ने कहा कि राज्य में कार्यरत कोल्ड स्टोरेजों में सौर ऊर्जा की संस्थापना की योजना भी स्वीकृत है, जिसके अन्तर्गत राज्य के वर्तमान में मौजूद कोल्ड स्टोरेजों में से 50 इकाई को सौर ऊर्जा के माध्यम से संचालन कराया जाएगा, ताकि विद्युत ऊर्जा पर निर्भरता कम की जा सके। साथ ही किसानों को सस्ते दर पर भंडारण की सुविधा प्राप्त कराई जा सके, जिस पर 50 प्रतिशत अधिकतम 17. 50 लाख रुपये प्रति कोल्ड स्टोरेज सहायता अनुदान दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त राज्य के सुदूर क्षेत्रों में फल एवं सब्जियों के भंडारण की सुविधा उपलब्ध नहीं होने के कारण फल एवं सब्जियां बहुतायत मात्रा में खराब हो जाते हैं, जिसके लिए सौर ऊर्जा आधारित सोलर पैनल माइक्रो कूल चैम्बर जिसकी भंडारण क्षमता 10 मीट्रिक टन है। इससे संबंधित योजना स्वीकृत है, जिससे कि फल एवं सब्जियों की बर्बादी को कम किया जा सके। इस अवयव अन्तर्गत इकाई लागत 25.00 लाख रुपए का 50 प्रतिशत अधिकतम 12.50 लाख रुपए अनुदान दिया जाएगा। साथ ही ने बताया कि केन्द्र प्रायोजित योजना राष्ट्रीय बागवानी मिशन के तहत पुराने कोल्ड स्टोरेजों के आधुनिकीकरण, भण्डारण क्षमता का विस्तार, कोल्ड चेन के माध्यम से फल एवं सब्जियों के परिवहन हेतु रीफर भान, फलों को पकाने हेतु राइपनिंग चैम्बर की स्थापना पर 35 प्रतिशत का अनुदान का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त ताजे फलों एवं सब्जियों के पैकिंग हेतु ऑन फार्म पैक हाउस की स्थापना पर 50 प्रतिशत अधिकतम दो लाख रुपए अनुदान का प्रावधान है।
कृषि विभाग की योजनाओं के साथ जुड़कर अर्जित करें लाभ
कृषि मंत्री ने कहा कि इस कोल्ड स्टोरेज के बैठक में राज्य के सभी कोल्ड स्टोरेजों के प्रतिनिधि आज हमारे समक्ष उपस्थित हैं। राज्य के शीतगृह उद्यमी कृषि विभाग की योजनाओं के साथ जुड़ कर भण्डारण क्षमता को विस्तारित करेंगे एवं योजनान्तर्गत लाभान्वित होंगे। साथ ही राज्य में फलों एवं सब्जियों के उचित रख-रखाव के अभाव में होने वाले नुकसान को कम कर राज्य को सुदृढ़ करने में सहायता प्रदान करेंगे। इस परिचर्चा कार्यक्रम में निदेशक उद्यान अभिषेक कुमार, संयुक्त निदेशक उद्यान राधारमण सहित अन्य पदाधिकारीगण सहित राज्य के लगभग 75 कोल्ड स्टोरेज के मालिक मौजूद थे।