मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से आर्थिक रूप से कमजोर मरीजों का इलाज करा रही बिहार सरकार

11/13/2021 10:50:28 AM

पटनाः बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि गंभीर रोगों से पीड़ित गरीब मरीजों के बेहतर इलाज को लेकर राज्य सरकार मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।

मंगल पांडेय ने शुक्रवार को कहा कि इस कोष से 14 असाध्य बीमारियों के इलाज के लिए राशि दी जाती है। प्रदेश के अलावा राज्य के बाहर इलाज कराने पर भी कोष से सहायता दी जाती है। इस योजना के तहत 20 हजार रुपए से लेकर पांच लाख रुपए तक की सहायता दी जाती है। इस साल अप्रैल से लेकर सिंतंबर माह तक 7342 मरीजों को आर्थिक सहायता प्रदान की गई। वित्तीय वर्ष 2020-21 में 11 हजार 180 मरीज लाभान्वित हुए।

मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष कमेटी की अनुशंसा पर सूची में शामिल 14 बीमारियों के अलावा भी अन्य दूसरी बीमारियों के इलाज के लिए सरकार की तरफ से एक लाख रुपए की सहायता राशि देने का प्रावधान है। उन्होंने कहा कि सालाना ढाई लाख रुपए से कम आय तथा प्रदेश के सरकारी और सीजीएचएस से मान्यता प्राप्त अस्पताल में इलाज कराने वाले रोगी को ही सहायता दी जाती है।

मंगल पांडेय ने कहा कि इन अस्पतालों से इलाज के लिए दूसरे प्रदेश में रेफर करने वाले रोगी को भी हृदय रोग, कैंसर, कुल्हा रिप्लेसमेंट, घुटना रिप्लेसमेंट, नस रोग, एसिड अटैक से जख्मी, बोन मेरौ ट्रांसप्लान्ट, एड्स, हेपेटाइटिस, कोकिलेर इम्प्लांट, ट्रांस जेंडर सर्जरी, नेत्र रोग समेत चौदह तरह की बीमारियों के इलाज के लिए सरकारी सहायता दी जाती है।

मंत्री ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2020-21 में स्वास्थ्य विभाग में आर्थिक सहायता के लिए 13 हजार 155 आवेदन आए, जिसमें से 11 हजार 180 आवेदन स्वीकृत किए गए। इसके लिए सरकार की तरफ से 93 करोड़ 63 लाख दो हजार 500 रुपए की स्वीकृति प्रदान की गई। इस साल अप्रैल से लेकर सितंबर तक 8583 आवेदन आए, जिनमें से स्वीकृत 7342 मरीजों के इलाज मद में 65 करोड़ 30 लाख 38 हजार रुपए की मंजूरी प्रदान की गई।

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Ramanjot