74 फीसद हुई बिहार में महिला साक्षरता की दर! जानिए किन प्रयासों से आंकड़ों में आया सुधार
Friday, Aug 01, 2025-09:39 PM (IST)

पटना:बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार ने स्कूली छात्रों के सर्वांगीण विकास किया है। जिससे महिलाओं की साक्षरता के स्तर में सुधार हुआ है। बिहार में जहां महिलाओं की शिक्षा की दर 33 फीसद थी अब वो बढ़कर 73.91 फीसद हो चुका है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में शिक्षा में सहभागीता बढ़ाने के लिए अभूतपूर्व योजनाएं और प्रयास किए गए। जिसका नतीजा ये है कि महिला साक्षरता दर में 2.24 फीसद की बढ़ोतरी हो चुकी है।
करोड़ों बच्चों को जोड़ने में सफल हुई सरकार
शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की इस श्रृंखला में मिड-डे मील से लेकर स्मार्ट क्लास, पोशाक, छात्रवृत्ति और किशोरी स्वास्थ्य तक की योजनाएं शामिल हैं। जिनका लाभ राज्य के करोड़ों बच्चों तक पहुंच रहा है। मौजूदा समय में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शिक्षा के क्षेत्र में सुधार के लिए मिड डे मील बनाने वाले रसोइयों, रात्रि गार्ड और शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशकों के वेतनमान को दोगुना कर दिया है। माना जा रहा है राज्य सरकार का ये फैसला भी से शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की एक कड़ी साबित होगा।
हर दिन 1.10 करोड़ बच्चों को गरम भोजन
राज्य के सरकारी विद्यालयों में मध्याह्न भोजन योजना के तहत प्रतिदिन 1.10 करोड़ छात्र-छात्राओं को पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। छात्रों को प्लेट, ग्लास और बैठकर खाने की व्यवस्था भी की गई है। इसके लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 2617 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित है। बच्चों को खाना खिलाने वाले रसोइयों और सहयोगियों के वेतनमान में बढ़ोतरी की गई है। जिसका असर बच्चों की उपस्थिति पर देखने को मिलेगा।
पोशाक के जरिए सुधारा शिक्षा स्तर
राज्य सरकार की ओर से बिहार के शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए मुख्यमंत्री बालक/बालिका पोशाक योजना के तहत बच्चों को पोशाक मुहैया करा रही है। ताकि बच्चे स्कूलों से जुड़े रहें। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने 978.57 करोड़ रुपये खर्च करने को मंजूरी दी है। जो डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से छात्रों को सीधे दिए जा रहे हैं। जिसका नतीजा है कि बिहार में महिला साक्षरता दर में व्यापक सुधार हुआ है। साल 2005 में महिला साक्षरता दर मात्र 33.57 फीसद थी। जो 2025 तक बढ़कर 73.91 फीसद तक पहुंच गई।
रात्रि प्रहरी की भी व्यवस्था
विद्यालय परिसरों की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए 6,337 माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों में रात्रि प्रहरी की नियुक्ति भी की गई। जिससे विद्यालयों की संपत्ति की सुरक्षा के साथ-साथ छात्रों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित हो सका है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2005 में जहां बिहार में माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों के भवनों की स्थिति खराब थी। स्कूलों की इमारतें जर्जर थीं, अपर्याप्त शौचालय और स्वच्छ जल की सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं थीं। वहीं अब 2025 तक 75 फीसद से अधिक स्कूलों में बेहतर भवन, स्वच्छ शौचालय, स्वच्छ जल एवं बैठने की व्यवस्था सुनिश्चित कर दी गई है।
इन प्रयासों पर सरकार ने खर्च किए 4,193.31 करोड़ रुपये
बिहार सरकार शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए लगातार प्रयास कर रही है। बच्चों को स्कूलों से जोड़ने और उन्हें जिस पर राज्य सरकार की ओर से 2024-25 में कुल 4,193.31 करोड़ रुपये का खर्च किए :
- पोशाक योजना – ₹978.57 करोड़
- छात्रवृत्ति योजना – ₹1,169.00 करोड़
- बालिका इंटर प्रोत्साहन योजना – ₹1,440.27 करोड़
- किशोरी स्वास्थ्य योजना – ₹96.45 करोड़
- बालक/बालिका साइकिल योजना – ₹347.95 करोड़
- प्रोत्साहन योजना – ₹161.07 करोड़
वित्तीय वर्ष 2024-25 में कुल 52,639 करोड़ किए थे खर्च
वित्तीय वर्ष 2024-25 में बिहार सरकार ने शिक्षा पर लगभग 52,639 करोड़ रुपये खर्च किए थे। यह राशि राज्य के कुल बजट 2,78,725 करोड़ रुपये का करीब 19 फीसद हिस्सा थी। जिससे से शिक्षा विभाग को सबसे अधिक बजट आवंटित किया गया था। इसके तहत छात्रवृत्ति बढ़ाने, स्कूल और कॉलेजों के बुनियादी ढांचे सुधारने, शिक्षकों की भर्ती और डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने पर फोकस था। विशेष रूप से पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के छात्रों के लिए छात्रवृत्ति राशि को दोगुना किया गया था।
वित्तीय वर्ष 2025- 26 में शिक्षा पर इतनी राशि खर्च करेगी सरकार
वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए बिहार सरकार ने शिक्षा पर 60,964 करोड़ रुपए का बजट आवंटित किया है। यह राज्य के कुल राजस्व व्यय का सबसे बड़ा हिस्सा है। कुल राजस्व व्यय 2 लाख 52 हजार करोड़ रुपए के आसपास है। शिक्षा क्षेत्र में यह आवंटन बिहार के अन्य क्षेत्रीय खर्चों, जैसे स्वास्थ्य (20,000 करोड़ रुपए) और सड़क निर्माण (17,000 करोड़ रुपए) की तुलना में भी सबसे अधिक है।
महिलाओं की शिक्षा, सशक्तिकरण और ग्रामीण विकास पर फोकस
बताते चलें कि बिहार सरकार का कुल बजट लगभग 3.17 लाख करोड़ रुपए है। जिसमें शिक्षा, महिला सशक्तिकरण, स्वास्थ्य और ग्रामीण विकास प्रमुख केंद्र हैं। शिक्षा पर 60,964 करोड़ रुपए का प्रावधान इस बात को दर्शाता है कि राज्य सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष में शिक्षा क्षेत्र को मजबूत करने पर विशेष ध्यान दिया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में बिहार सरकार शिक्षा क्षेत्र पर लगभग 61 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगी।