नीतीश के 'जनता दरबार' के बाहर घंटों बैठे रहे अयांश के माता-पिता, लेकिन नहीं सुनी गई गुहार

8/17/2021 11:35:12 AM

पटनाः बच्चे को लगी एक ऐसी बीमारी जिसका इलाज तो है लेकिन पैसे नहीं जुटा पाने की बेबसी और घुटन के साथ जद्दोजेहद कर रहे मां-बाप को देखकर दस महीने का एक मासूम कुछ बोल तो नहीं सकता लेकिन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से ‘मुझे बचा लीजिए' की मौन गुहार इस भरोसे के साथ लगा रहा है कि उसके मन की बात मुख्यमंत्री के दिल तक जरूर पहुंचेगी।

यह किसी कल्पना की उड़ान नहीं है बल्कि यह कहानी है पटना के 10 महीने के अयांश की, जो स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी जैसी दुर्लभ बीमारी से जूझ रहा है। इसका इलाज तो है लेकिन उस पर खर्च होने वाली 16 करोड़ की राशि इतनी बड़ी है कि उसे जुटा पाना किसी आम आदमी के लिए लगभग नामुमकिन है। लेकिन, एक अयांश के मां-बाप हैं, जो इस जिद्द पर अड़े हैं कि वे अपने बच्चे को बचाएंगे और इसमें कोई मदद करे या न करे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जरूर करेंगे। अयांश के माता-पिता की यही जिद्द और भरोसा सोमवार को उन्हें एक, अणे मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर तक ले आया, जहां ‘जनता के दरबार में मुख्यमंत्री' कार्यक्रम में नीतीश कुमार पूरे राज्य के लोगों की फरियाद सुनते हैं। लेकिन, उन्हें मुख्यमंत्री से मिलने की अनुमति नहीं दी गई। अधिकारियों ने बताया कि पहले से इजाजत नहीं लेने के कारण मिलने नहीं दिया जा सकता है। जनता दरबार में जाने से पहले लोगों की कोरोना जांच सहित तमाम औपचारिकताएं पूरी कराई जाती हैं।

मुख्यमंत्री से नहीं मिल पाने पर अयांश के माता पिता जनता दरबार के बाहर गोलंबर पर ही बेटे को लेकर बैठ गए और मिलने की गुहार लगाने लगे। उनका कहना है कि बेटे को स्पाइनल मस्कुलर एट्रॉफी जैसी दुर्लभ बीमारी है, जिसके इलाज के लिए 16 करोड़ रुपये के इंजेक्शन की जरूरत है और इसे परिवार के लिए जुटा पाना संभव नहीं है। गोलंबर के निकट लगभग तीन घंटे तक बैठे रहने के बाद पटना के सिटी मजिस्ट्रेट और एडीएम अयांश के माता-पिता से मिलने पहुंचे। अधिकारियों ने के माता-पिता से मिलकर उन्हें अगले दिन मुख्यमंत्री से मिलवाने का आश्वासन दिया। इसके बाद पत्रकारों से बातचीत में अयांश के माता पिता ने बताया कि सिटी मजिस्ट्रेट और एडीएम ने बताया है कि अगले एक-दो दिनों में जिलाधिकारी कार्यालय से फोन कर उन्हें बुलाया जाएगा और मामले की जानकारी लेने के बाद मुख्यमंत्री से मिलवाया जाएगा। ऐसा बताया गया है कि वर्तमान सरकार की ओर से 16 करोड़ जितनी बड़ी राशि की मदद करने का प्रावधान नहीं है। इस पर माता-पिता ने कहा कि अयांश को जो दुर्लभ बीमारी लगी है, वह बिहार में पहली बार किसी बच्चे को हुई है। ऐसे में नियमों में बदलाव कर विशेष रूप से मदद की जाए।

अयांश के पिता आलोक सिंह ने कहा परिस्थितियों के अनुसार नियमों में हमेशा बदलाव किए जाते रहे हैं। आज अयांश के इलाज को लेकर जो परिस्थितियां पैदा हुई हैं, उसके लिए नियम में बदलाव होना चाहिए ताकि आगे भी ऐसी दुर्लभ बीमारी से ग्रसित बच्चों को मदद पहुंचाई जा सके। अधिकारियों के आश्वासन के बाद अयांश के माता पिता बेटे को लेकर वापस तो लौट गए लेकिन बेजुबान अयांश नीतीश कुमार से मौन गुहार लगा गया, ‘‘दस महीने का ही हूं, मुझे बचा लीजिए मुख्यमंत्री जी।''


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Ramanjot

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