आनंद मोहन की रिहाई पर सुशील मोदी ने उठाए सवाल तो मंत्री अशोक चौधरी बोले- दोहरा चरित्र अपना रही बीजेपी

4/28/2023 2:56:50 PM

पटना (अभिषेक कुमार सिंह): बिहार में पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई को लेकर लगातार सियासत जारी है। रिहाई पर भाजपा ने सवाल किए हैं वहीं जदयू ने करार पलटवार किया है। बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने बयान देते हुए कहा कि आनंद मोहन के जगह कोई और ABCD होता तो उसकी चिंता नहीं होती। रिहा होने वालो में कितने दलित, अतिपिछड़ा और बैकवर्ड समाज के लोग हैं उसका नाम कहीं नहीं आ रहा हैं, लेकिन आनंद मोहन का नाम आ रहा हैं, क्योंकि सुशील मोदी कभी आनंद मोहन को छोड़ना चाहते हैं उसके लिए बयान देते हैं, उनके साथ मिलते हैं और जब सरकार छोड़ देती हैं तो कहते हैं अच्छा नहीं हुआ। 

"दोहरा चरित्र अपना रही BJP"
अशोक चौधरी ने आगे कहा कि सुशील मोदी ये भी कहते हैं कि राजीव गांधी के हत्यारे बारी हो सकते हैं तो आनंद मोहन क्यों नहीं रिहा हो सकते हैं तो दोहरा चरित्र तो बीजेपी का हैं और उनके नेताओं का हैं जो अपने सुविधा के साथ राजनीति कर रहे हैं। इसीलिए लोग हाय तोबा मचा रहे हैं क्योंकि आनंद मोहन 2 बार सांसद रहे, उनकी पत्नी लवली आनंद सांसद रहीं, बेटा चेतन आनंद विधायक हैं, आनंद मोहन के जगह और कोई रहता तो इतना हाय तोबा नहीं मचता। सिर्फ सांसद होने का खामियाजा आनंद मोहन को भुगतना पड़ रहा है। वहीं लालू यादव के बिहार आने पर भी मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि वे अपने परिवार के बीच आ रहे हैं खुशी की बात हैं जो उनसे विपरीत रहते हैं उनको दुख होगा। 

जनहित का कौन-सा उद्देश्य पूरा हुआ; मोदी 
बता दें कि बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुशील मोदी ने जिलाधिकारी हत्या मामले में दोषी पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई पर सवाल कर खड़ा करते हुए नीतीश सरकार से यह जानना चाहा कि इससे जनहित का कौन-सा उद्देश्य पूरा हुआ है। भाजपा सांसद ने कहा कि जब सरकार पूर्व सांसद आनंद मोहन की रिहाई के लिए उनकी सजा पूरी होने का तर्क दे रही है, तब जेल मैन्युअल में छेड़छाड़ कर इसे शिथिल करने की जरूरत ही क्यों पड़ी। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या जेल कानून को बदले बिना भी सरकारी अधिकारी की ड्यूटी के दौरान हत्या के सजायाफ्ता बंदी को रिहा किया जा सकता था।

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Ramanjot