Bihar AQI: बिहार के कई शहरों में हवा की गुणवत्ता हुई ‘खराब', 386 AQI के साथ भागलपुर सबसे अधिक प्रदूषित शहर

12/31/2023 5:06:31 PM

पटना: बिहार में तापमान में गिरावट आने के साथ कई शहरों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) रविवार को 'खराब' श्रेणी में रहा जबकि भागलपुर में 324 एक्यूआई के साथ हवा की गुणवत्ता 'बहुत खराब' श्रेणी दर्ज की गई। विशेषज्ञों के अनुसार हवा की गति और तापमान कम होने के कारण रविवार को कुछ शहरों में हवा की गुणवत्ता ‘खराब' श्रेणी में आ गई और इसके और भी खराब होने संभावना है। 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) की बुलेटिन के मुताबिक, 30 दिसंबर 2023 को शाम चार बजे दर्ज आंकड़ों के मुताबिक बिहार में भागलपुर 386 एक्यूआई के साथ सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा। सीपीसीबी द्वारा देश के 238 शहरों के दैनिक 'वायु गुणवत्ता सूचकांक' (एक्यूआई) जारी किया जाता है। सीपीसीबी का कहना है कि ‘बहुत खराब' वायु-गुणवत्ता लंबे समय तक रहने पर श्वास संबंधी बीमारियों का खतरा रहता है। एक्यूआई आठ प्रदूषकों यथा पीएम 2.5 (2.5 माइक्रोन से कम के कण), पीएम 10 (10 माइक्रोन से कम के कण), नाइट्रोजन ऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनोऑक्साइड, अमोनिया और शीशा को ध्यान में रखते हुए वायु गुणवत्ता का आकलन है। 



शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को "अच्छा" (न्यूनतम प्रभाव), 51 से 100 के बीच "संतोषजनक" (संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली परेशानी), 101 से 200 के बीच "मध्यम" (फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोग वाले लोगों को सांस लेने में परेशानी), 201 से 300 "खराब" (लंबे समय तक संपर्क में रहने पर अधिकांश लोगों को सांस लेने में तकलीफ), 301 से 400 "बहुत खराब" (लंबे समय तक संपर्क में रहने पर श्वसन संबंधी बीमारी), और 401 से 500 "गंभीर" (स्वस्थ लोगों को प्रभावित करताहै और बीमार लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है), मौजूदा बीमारियां) माना जाता है। बिहार के छह जिले जहां एक्यूआई (30 दिसंबर, 2023 शाम 4 बजे) खराब श्रेणी में पाया गया उनमें आरा (292), सासाराम (285), सहरसा (262), अररिया (259), राजगीर (245) और पटना (208) शामिल हैं। इन शहरों का एक्यूआई 'खराब' (201-300) स्तर तक गिर गया है। 



बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (बीएसपीसीबी) के अध्यक्ष देवेन्द्र कुमार शुक्ला ने राज्य में बिगड़ती वायु गुणवत्ता के बारे में रविवार को कहा, “यह सच है कि राज्य के कुछ शहरों में वायु गुणवत्ता खराब हो गई है। यह जलवायु परिवर्तन के कारण है... हवा की गुणवत्ता में यह गिरावट मुख्य रूप से उत्तर-पश्चिमी हवाओं के कारण है जो पराली जलाने की वजह से प्रदूषक लेकर आ रही हैं, साथ ही शांत हवा की स्थिति और तापमान में गिरावट भी है।'' उन्होंने कहा, “जैसे-जैसे तापमान गिरता है, नमी की मात्रा बढ़ने के कारण ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएं भारी हो जाती हैं। इससे पृथ्वी की सतह के करीब प्रदूषकों को जमा करने की हवाओं की क्षमता भी बढ़ जाती है। बारिश के रूप में मौसम की स्थिति निश्चित रूप से तत्काल कुछ राहत लाएगी।" 

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Ramanjot