राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा- रोजगार पाने के बजाय रोजगार निर्माता बने कृषि के छात्र

4/12/2023 4:57:47 PM

भागलपुरः बिहार के राज्यपाल सह कुलाधिपति राजेन्द्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि मौजूदा समय में कृषि छात्रों को रोजगार पाने के बजाय रोजगार निर्माता बनने की जरुरत है तभी उनकी भागीदारी आधुनिक भारत के निर्माण में पूरी होगी।          

"देश में 40 फीसदी आबादी युवाओं की"
अर्लेकर ने जिले के सबौर स्थित बिहार कृषि विश्वविद्यालय के सातवें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि अगले 25 वर्ष भारत के लिए अमृतकाल है, जिसमें छात्रों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए कि वह किस तरह से अपना योगदान दें। देश में करीब 40 फीसदी आबादी युवाओं की है। वे अन्य देशों से आयात करने के बजाय भारत में ही उत्पाद बनाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकते हैं। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए छात्रों को आगे आना होगा। क्योंकि उनके लिए अगले 25 वर्ष बदलाव लाने और राष्ट्र में योगदान देने के लिए महत्वपूर्ण हैं। राष्ट्र के लिए बेहतर कार्य करने के लिए लक्ष्य निर्धारित करने की आवश्यकता है।                    

"छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद राष्ट्र की उन्नति में निभाएंगे अहम भूमिका" 
कुलाधिपति ने कहा कि ऐसे समारोह तभी सफल हो सकते हैं, जब छात्र अपने समाज, राज्य और राष्ट्र के लिए कार्य करने की ठान लें। हमें पूरी उम्मीद है कि यहां के छात्र पढ़ाई पूरी करने के बाद राष्ट्र के उन्नति में अहम भूमिका निभाएंगे। राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने कहा कि बिहार सरकार की ओर से किसानों की आय बढ़ाने का प्रयास निरंतर जारी है। वर्ष 2025 तक हर खेत को पानी पहुंचने के लिए तेजी से काम हो रहा है। इससे कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव का मार्ग प्रशस्त होना तय है। इसके साथ पशुपालन, मत्स्य पालन आदि से जुड़े लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए बेहतर ढंग से काम करना होगा।            

"फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता में हुई अप्रत्याशित वृद्धि" 
मंत्री ने कहा कि कृषि रोड मैप कार्यक्रम के तहत विभिन्न फसलों की उत्पादन एवं उत्पादकता में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है राज्य सरकार के प्रयासों से बिहार के कृषि धरोहर कतरनी चावल जर्दालू आम शाही लीची मघई पान एवं मिथिला मखाना को भौगोलिक सूचक जीआईसी आ गया है
 

Content Editor

Swati Sharma