महाबोधि मंदिर में 17वां अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्त पाठ आज से शुरू, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे शामिल

12/2/2022 12:05:49 PM

गयाः भगवान बुद्ध की पावन ज्ञान भूमि बोधगया स्थित विश्व धरोहर महाबोधि मंदिर में 17वां अंतररष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्तपाठ आज से आरंभ हो गया है। इसके लेकर बोधगया में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा बोधगया स्थित रॉयल थाई मोनेस्ट्री से निकाली गई, जो शहर के विभिन्न सड़क मार्ग से होकर कालचक्र मैदान तक पहुंची। शोभायात्रा में विश्व के कई देशों के हजारों बौद्ध धर्मगुरु एवं श्रद्धालु शामिल हुए। शोभा यात्रा के दौरान श्रद्धालु ड्रैगन नित्य एवं पारंपरिक वाद्य यंत्रों को बजाते हुए चल रहे थे। 



बौद्ध धर्म में त्रिपिटक का विशेष महत्व
त्रिपिटक सुत्तपाठ आगामी 10 दिनों तक चलेगा। शोभायात्रा में शामिल लाओस देश के बौद्ध भिक्षु भंते साईंसाना ने बताया कि कोरोना काल के कारण दो वर्ष तक बोधगया में किसी तरह की पूजा का आयोजन नहीं हुआ था, लेकिन इस बार 17 वां अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक समारोह का आयोजन किया गया है, जो काफी भव्य तरीके से मनाया जा रहा है। बौद्ध धर्म में त्रिपिटक का बहुत ही महत्व है। बौद्ध धर्म मे थेरावाद पंत को मानने वाले लोग भगवान बुद्ध के मंत्रों का उच्चारण त्रिपिटक सुत्तपाठ के दौरान करते हैं, जिसका मुख्य उद्देश्य मानवता एवं विश्व का कल्याण है। विश्व में शांति बनी रहे और लोग का जीवन सुखी हो, इसी कामना के साथ इस समारोह का आयोजन किया गया है। 



दो सत्रों में संचालित होगा सुत्त पाठ
यह सुत्त पाठ दो सत्रों में संचालित होगा। पहला सत्र सुबह 7 बजे से 11 बजे और दूसरा सत्र 1:30 से 5 बजे तक चलेगा। अमेरिका से आए एक बौद्ध भिक्षु ने बताया कि इस बार 17वां अंतरराष्ट्रीय त्रिपिटक सुत्त पाठ का आयोजन भव्य तरीके से किया जा रहा है, जिसमें विश्व के कई देशों के हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे। इसका मुख्य उद्देश्य विश्व शांति एवं मानवता का कल्याण है। मुख्य रूप से थेरवाद परंपरा को मानने वाले नेपाल, थाईलैंड इंडोनेशिया, कंबोडिया, श्रीलंका, भारत, वियतनाम सहित अन्य कई देशों के बौद्ध श्रद्धालु शामिल होंगे।

 

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Ramanjot